यहां के पानी में समुद्र की तरह क्लोराइड की मात्र मिली है।
गिरता भूजल स्तर, ज़िम्मेदार कौन ?





घटता जलस्तर आने वाले समय में गंभीर समस्या बनता नजर आ रहा है। देश के कई हिस्से पीने के पानी व गिरते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं। भूजल संरक्षण विभाग का कहना है कि हरियाणा के रोहतक रेंज के जिले रोहतक, झज्जर व सोनीपत में जल स्तर लगातार गिर रहा है। भूमिगत जलस्तर के गिरने की यही स्थिति रही तो शहर वासियों को पेयजल के लिए भी तरसना पड़ सकता है।
जून 2011 में रोहतक मंडल का औसत जल स्तर 5.17 मीटर था। जून 2021 में ये जल स्तर 8.34 मीटर पहुंच गया है। रोहतक मंडल में औसतन 3.03 मीटर जल स्तर की कमी दर्ज की गई है। सोनीपत जिले की हालात खतरनाक बने हुए है। यहां भूमिगत जल स्तर 20 से 45 मीटर तक पहुंच गया है। इसमें सोनीपत शहर के अलावा राई, मुरथल गन्नौर का इलाका भी शामिल है।
हरियाणा में सरकार द्वारा साल 2022 में गिरते भू-जल के कारण लगभग 1780 गावों को पहले ही रेड जोन में शामिल किया जा चुका है. आँकड़ों की माने तो पिछले 10 सालों में 874 गांवों में उतार-चढ़ाव के साथ भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष रही है.
रोहतक में भूजल का स्तर ही कम नहीं बल्कि प्रदेश में सबसे ज्यादा खराब पानी रोहतक का है। यहां के पानी में समुद्र की तरह क्लोराइड की मात्र मिली है।
जल स्तर में गिरावट की मुख्य वजह बारिश की कमी, अंधाधुंध दोहन है। जल स्तर को सुधारने के लिए जल संरक्षण पर जोर देने की जरूरत है।