यूपी में 47 लाख परिवार और 3.75 करोड़ लोग जुड़े हैं गन्ने से ।
75 साल किसानों ने देश को दिए, अगले 25 साल किसानों के होंगे : वीएम सिंह





आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष तक किसानों ने देश के लिए कुर्बानी दी लेकिन अब वक्त आ गया जब किसान अपने हक के लिए एकजुटता दिखाएं। सरकार भी अपना वायदा निभाए।
यूपी में गन्ने की खेती से जुड़े लगभग 30 जनपदों और 100 से अधिक तहसीलों में वीएम सिंह के आह्वान पर 16 अगस्त को तहसील मुख्यालयों से गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने और बकाया पर ब्याज दिए जाने की मांग बुलंद की गई थी। मुख्यमंत्री को सभी तहसील इकाइयों ने पत्र भेजा था। वीएम सिंह ने इन जनपदों और तहसीलों का ब्यौरा भी मुख्यमंत्री को भेजा ।
इसका उल्लेख करते हुए वीएम सिंह ने कहा कि 2018 में तत्कालीन गन्ना मंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में गन्ने की लागत 294 रुपये मानी थी। वर्ष 2018 के बाद गन्ने की लागत में 20-30 फीसदी बढ़ोत्तरी हो गई है। अगर सरकार 2018 को ही आधार माने तो लागत का डेढ़ गुना यानि 450रुपये प्रति क्विंटल गन्ने की कीमत होनी चाहिए।
राज्य सरकार के कानून के हिसाब से बकाया पर 12 और केंद्र सरकार के कानून के हिसाब से 15 प्रतिशत ब्याज देय होता है। किसानों का करीब 4000 से 5000 करोड़ रुपये चीनी मिलों पर ब्याज का बकाया है। इस संबंध में उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने गन्ना आयुक्त को भुगतान कराने के आदेश दिए हैं लेकिन आदेश का पालन नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री आदेश का पालन कराएं और ब्याज दिलाएं।
यूपी में 47 लाख परिवार और 3.75 करोड़ लोग जुड़े हैं गन्ने से ।
वीएम सिंह ने कहा कि यूपी में 47 लाख परिवार और इन परिवारों से जुड़े 3.75 करोड़ लोगों की जीविका गन्ने की खेती से जुड़ी है। इन परिवारों को लाभ मिलता है तो प्रदेश की जीडीपी बढ़ेगी। अगर सरकार ब्याज दिलाती है तो सभी चीनी मिलें आने वाले समय में 14 दिन की अवधि में भुगतान करने लगेंगी क्योंकि चीनी मिलों को 6-7 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिलता है जबकि बकाया पर उन्हें 12-15 प्रतिशत ब्याज देय होता है।